dropdi ki karun pukar , hindi bhajan lyrics
लिरिक्स --
बंसी वाले मैंने बचा ले आज उतरे मेरा चीर दुहाई तेरी सै
*पापी दुष्ट दुशासन ने मै भाई घनी सताई
री केश पकड़ कर खींच लिए मेरी बाजू पकड़ घुमाई
री कित पढ़ के ने सो गया रे कृष्ण आजा धर्म के बीर दुहाई तेरी सै
* तेरे धर्म युधिष्ठिर ने मैं जुए के मा हारी थी
अपना धर्म बचा वन ने मैं धरती में दे मारी थी
ना मेरे बाबुल ना मेरे भाई ना ननदी का वीर दुहाई तेरी सै *
पांचो पांडव चुप स रे उनके मुंह मे जबान नही
कहां गई वा गधा भीम की कहां अर्जुन के तीर दुहाई तेरी से *
भीष्म पितामह बोले ना भगत विदुर की चलती
ना ताऊ अंधे को दिखे ना ताई पट्टी खोले
ना मां कुंती घबरा रही है आन बढ़ाओ चीर दुहाई तेरी से *
युग शाला में खड़ी रही एक साड़ी में लिपट रही
दुर्योधन ने भरी सभा में केश पकड़ कर खींच लइ
दुशासन मेरा चीर उतारे आन बढ़ाओ चीर दुहाई तेरी सै *
जमुना जल में भरण गई जब तेरी उंगली में चोट लगी
साड़ी फाड़ के पट्टी बांधी वह दिन तेरे याद नहीं
आना हो तो आजा रे कृष्ण आन बचा मेरी लाज दुहाई तेरी सै *
* आना हो तो आ जाओ पल दो पल की देरी है
थोड़ी कसर ही रह रही है फिर मेरे तन पर चीर
नहीं दांतों तले दबा रखा से ऑन बढ़ाओ चीर दुहाई तेरी सै *
टेरी सुनी जब द्रोपद की आके साड़ी पकड़ ली
नहीं खत्म फिर चीर हुआ दुशासन की हार हुई
अंतर्यामी श्री कृष्ण ने आन बढ़ाया चिराई दुहाई तेरी सै
बंसी वाले मने बचा ले आज उतरे मेरा चीर दुहाई तेरी सै
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