सारी रात दमदम मारी , कोई नहीं आयो बचने को || LYRICS
सारी रात दमदम मारी , कोई नहीं आयो बचने को|| LYRICS
बांध पुटरिया सर पर धर लायी,बहुअर चल दायी मायके को
एक वन नाखो दूजो वन नाखो कोई नहीं आवो लिबावे को
एक वन नाखो दूजो वन नाखो तीजे वन मायके पहुंच गयी
द्वार पर ठाड़ी मैया बोली लड़ो बिटिया आये गयी
छाजे पे से भैया बोलो , रार कराय बे आएगी जी
रसोई में बैठी भाभी बोली मोये पिटवाबे आएगी री
सारी रात दमदम मारी , कोई नहीं आयो बचने को
आँगन में से बोले भतीजे चट्टो बुआ आएगी री
कोने में से चुहिया बोले ईंट ठोकनी आएगी री
छीके पे से बिल्ली बोली दाबो ढ़ाको आये गए जी
छातं पे से कौआ बोला ढेला मारने आयगायी री
गालियां में से कुत्ता बोलै टांग तोड़ने आयगायी रे
चौराहे के रँडुआ बोलै काम चलानी आयगायी री
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