धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे || LYRICS
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
कलयुग ने दिए पैर फैला भाई , किसा जमाना आया है
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
भरी भरी dj भाजे आज कल भ्याह शादी में
दारू पीके झगड़ा करले , कमी नहीं बर्बादी में
फुल अंग्रेजी बोले पंजाबी , लय और दूर में गया रे
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
राम नाम दई छोड़ नमस्ते ,चला दयी हेलो हाय हेलो हाय
गुड मॉर्निंग , गुड़ इवनिंग और चला दयी गुड बाये
मात पिता ने भुजे कोन्या बेटे का जन्मदिन मनाया है
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
घपले और घोटाले करते ,जो जान नायक बने फिरे
ओरा ते उपदेश बाटते आप अमीरी ठाट करे
ठाट देखके इन संतो के इंद्र भी शर्माए गए
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
मात पिता ने भुजे कोन्या अपना आपा चाहेंवे से
सास ससुर ने भाउ देख ले , देख के मुख ने चढ़ावे से
साले साली की चाले घर में बहन को हाथ हिलाया रे
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
जो लिख दी थी वेद व्यास ने पूरा होता देख लिया
इस मण्डली ने सतगुरु जी से ज्ञान अगत का सीख लिया
सेवा करके मात पिता की , गंगा जी सा नहाया है
धरम करम ने छोड़ के बंदे चहावे धन माया रे
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ