Mata Rani Bhajan in Hindi maa ki katha sunau mai
Bhajn Lyrics In Hindi
ध्यान लगाकर सुनियो रे
मां की महिमा गांऊ में
हो मां की कथा सुनाओ मैं
एक दिना का जिक्र सुनाओ
राजा था वह बड़ा भारी
प्रजापति नाम उसका
जाने थी उन्हें दुनिया सारी
दान पुण्य करने की खातिर
यज्ञ रचाया बड़ा भारी
हवन सामग्री मंगवाई
उन्हें किया सब सामान तैयार
देवता बुलाए सारे शंकर का ना करा ध्यान
इसी बात पर शंकर जी की हो गई थी आन कांन
हो शंकर ने नहीं बुलाओ मैं
ध्यान लगाकर सुनो
मां की महिमा गाउ में
हो मां की कथा सुनाऊ में
पार्वती कहने लगी मेरे पिता ने यज्ञ राचाया
मैंने उड़े जाना होगा
बेशक न्योता नहीं आया
शंकर जी यू कहने लगे तेरे पिता ने किया है अपमान मेरा
बिना बुलाए चला जाता कोन्या हो सम्मान मेरा
देवता बुलाए सारे को ना किया ध्यान मेरा हो
पार्वती तने समझाऊं मैं
बेशक चली जाइए रे गोरा
कोना रोकू में
ओ मां की कथा सुनाऊ में
पार्वती चाल पड़ी शंकर की ना मानी बात
वहां पर जाकर लागी कालजे में लगी आग
बिना बुलाए तो उसकी न्यू है बिगड़े जात
हो मां की कथा सुनाओ में
ध्यान लगाकर सुनो
मां की महिमा गाउ मै
हो मां की कथा सुनाओ
सभी देवता आए हुए सब के फोटो लाए हुए
ना शंकर का फोटो आया ना शंकर जी आए हुए हो
पिताजी तेरा यग रचवाऊ में
हवन कुंड में कूद पड़ी इब जिन मर जाऊं मैं
हो माँ की कथा सुनाऊ में
ध्यान लगाकर सुनो रे मां की महिमा गांव में
हो मां की कथा सुनाऊ में
हवन कुंड में कूद पड़ी मांच गई हाहाकार
सभी देवता आगे पढ़कर गोरा को लिया है साथ
आधी काची आदि पाकी हमन तकरी है बार
हो मां की कथा सुनाऊ में
ध्यान लगाकर सुनो मां की महिमा गांव में
हो मां की कथा सुनाऊ में
सभी देवता डर के मारे आपस मैं यू कर रहे बात
राजा ने अन्याय किया शंकर का न किया ध्यान
शंकर जी ने गोरा जी से एक ही सवाल किया
थोड़ी सी देर रुक जाइए रे गोरा
जल्दी आओ मैं
हो रे बिगड़ी बात बनाऊ मैं
शंकर जी जब चल पड़े हाथ में था धनुष बाण
शंकर जी ने तीर मारे हम हो गए न्यारे न्यारे
जहां पर नैन पड़े गौरा के वहां पर बनी नैना माई
जहां पर जीव पड़ी गोरा की वहां पर बन गई काली माई
जहां पर भुजा पड़ी गोरा की अन्नपूर्णा मां कहलाई
जहां पर चरण पड़े गोरा के चरण पादुका मां कहलाए
जहां पर अंग पड़े गौरा के मंदिर बन गए आलीशान
हो तेरी पूजा करवाओ में
ध्यान लगाकर सुनियो रे मां की महिमा गांव में
हो मां की कथा सुनाऊ में
रोया मत ना मेरे भक्तों अब जल्दी आओ मैं
हो मां की कथा सुनाऊ में
जब जब भीड़ पड़ी भक्तों पर दरस दिखाऊं मैं
हो माँ की कथा सुनौ में
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