Karam karo par dhyan rahe path chhote na bhajan lyrics in hindi
इतनी भरयो हवा गुब्बारा फूटे न
हर करम के गर्भ स्थल में रहता हित अनहित अपना
जग जल विकट गृहस्ती है सच कहो कहो चाहे सपना
स्वर्ग में छूटे न इतनी देओ हवा ग्गुबरा फूटे न
जब काम बीज सृस्टि का नर रहे अकामी कैसे
जल में ज्योंकमल का जीवन तुम रहो जगत में ऐसे
कामनी लुटे न इतनी देओ हवा गुब्बारा फूटे न
एक बार क्रोध भी करिये पर बोध नष्ट न होव
स्वारथ भी बुरा नहीं है ओरो को कष्ट न होव
जीव कोई रूठे न इतनी देओ हवा गुब्बारा फूटे न
गुरु शरण अहम् पथ जाओ तुम यात्रा तत्र बे कहते
सावधान नित्य रहना ले सत्य सच से सटके
कही ले टूटे न इतनी भरियो हवा गुब्बारा फूटे न
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