Dhan daulat ka ghamand kare na lyrics kusum chauhan bhajan lyrics in hindi
Dhan daulat ka ghamand kare na lyrics kusum chauhan bhajan lyrics in hindi
Dhan daulat ka ghamand kare na lyrics kusum chauhan bhajan lyrics in hindi
धन दौलत का घमंड करें क्यों
क्यों करता मान जवानी का
ठोकर मार चली जाएगी
कुछ पता नहीं जिंदगानी का
धन दौलत के नशे में बंदे तू बेबात अकड़ता है
अपने ते कमजोर के बन्दे तू हर रोज झगड़ता है
मालिक ने इंसान बनाया तू करता काम शैतनि का
ठोकर मार चली जाएगी
कुछ पता नहीं जिंदगानी का
यह भी मेरा वह भी मेरा
मेरा मेरा करता है
खुद को तू बलवान समझता नहीं किसी से डरता है
नहीं मानता बात किसी की काम करे मनमानी का
ठोकर मार चली जाएगी
कुछ पता नहीं जिंदगानी का
बचपन गया जवानी आई फेर बुढ़ापा आवेगा
एक कोने में पड़ा रहेगा हाल कोई ना जानेगा
फेर पता चल जाएगा तुझको लाभ और हानि का
कद ठोकर मार चली जाएगी कुछ पता नहीं जिंदगानी का
ठोकर मार चली जाएगी
कुछ पता नहीं जिंदगानी का
जिसने कर्म करें अच्छे आज वही महान रहे
इस दुनिया से सभी गए कोई निरबल ना बलवान रहे
अभी भी समय सोच समझ ले ना कर खेल नादानी
कद ठोकर मार चली जाओगी कुछ पता नहीं जिंदगानी का
ठोकर मार चली जाएगी
कुछ पता नहीं जिंदगानी का
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