Ek roj suno radhe rani radhe krishna bhajan in hindi

Krishna bhajan "Ek roj suno radhe rani vah murli madhur chura layi "


एक रोज सुनो राधारानी ,वह मुरली मधुर चुरा लाई

हे मुरली आज बता मुझको , ऐसी क्या तुझमे चतुराई, हर समय लगी रहती मुख से ,क्या अहोभाग्य करके आई कहे मुरली सुनो राधे रानी, मेरे दुखः की किसी ने ना जानी
एक रोज सुनो राधारानी ,वह मुरली मधुर चुरा लाई
हे मुरली आज बता मुझको , ऐसी क्या तुझमे चतुराई


मै हरी भरी थी जंगल में ,सुख शान्त खड़ी थी जंगल मे
बेदर्द पहाडों , पत्थरो से मै खुब लडी जंगल में सर्दी ,गर्मी ,वर्षा ऋतु मे, एक रोज खड़ी थी जंगल में
एक रोज सुनो राधारानी ,वह मुरली मधुर चुरा लाई
हे मुरली आज बता मुझको , ऐसी क्या तुझमे चतुराई
फिर इस बस्ती मे लाकर के, मेरे बंद बंद कटवा डाला
जितना हिस्सा बेकार हुआ, उसे सारे को छंटवा डाला
एक लोहा गरम करा के मेरा तन धेदन करवा डाला
मुख बन्द किया दम घुटने को , एक ताला और लावा डाला
एक रोज सुनो राधारानी ,वह मुरली मधुर चुरा लाई
हे मुरली आज बता मुझको , ऐसी क्या तुझमे चतुराई
इतनी आफत मंजूर करी, जब श्याम के हाथो में आई
लाखो ही मुशिबत सहने पर, जब आज खड़ी शुभ की आई
तन कटवाया और जलवाया , जब मोहन के मन को भायी , मन सोच करो राधा रानी , इसलिए श्याम ने अपनायी
एक रोज सुनो राधारानी ,वह मुरली मधुर चुरा लाई
हे मुरली आज बता मुझको , ऐसी क्या तुझमे चतुराई

यह प्रीति की रीत कठिन सजनी , इसमे लाखों दुख आतें है
जो प्रेमी है दीवाने है, दुखो से नही घबरातें है
जो पेम नशे में चूर हुआ वो आपना आप लुटाते है
जो प्रेम के प्याले पीते है , वो प्रेम लुप्त हो जाते है कहे मुरली सुनो राधे रानी , मेरे दुख की किसी ने ना जानी
एक रोज सुनो राधारानी ,वह मुरली मधुर चुरा लाई
हे मुरली आज बता मुझको , ऐसी क्या तुझमे चतुराई

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