Kumbh 2021 haridwar dates
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कुंभ पर्व हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु कुंभ पर्व स्थल प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में स्नान करते हैं। इनमें से प्रत्येक स्थान पर प्रति बारहवें वर्ष और प्रयाग में दो कुंभ पर्वों के बीच छह वर्ष के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। २०१३ का कुम्भ प्रयाग में हुआ था। फिर २०१९ में प्रयाग में अर्धकुंभ मेले का आयोजन हुआ था
खगोल गणनाओं के अनुसार यह मेला मकर संक्रांति के दिन प्रारम्भ होता है, जब सूर्य और चन्द्रमा, वृश्चिक राशि में और वृहस्पति, मेष राशि में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के होने वाले इस योग को "कुम्भ स्नान-योग" कहते हैं और इस दिन को विशेष मंगलकारी माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन पृथ्वी से उच्च लोकों के द्वार इस दिन खुलते हैं और इस प्रकार इस दिन स्नान करने से आत्मा को उच्च लोकों की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। यहाँ स्नान करना साक्षात् स्वर्ग दर्शन माना जाता है। इसका हिन्दू धर्म मे बहुत ज्यदा महत्व है।
कुंभ 2021 हरिद्वार
पुराणों आदि प्राचीन ग्रन्थों में उपर्युक्त चारों स्थानों पर महाकुंभ लगने के लिए ग्रहों की विशिष्ट स्थितियाँ बतायी गयी हैं। हरिद्वार के लिए यह इस प्रकार वर्णित है
पद्मिनीनायके मेषे, कुम्भराशिगते गुरौ। गंगाद्वारे भवेद्योगः कुम्भनाम्ना तदोत्तमः।अर्थात् जब सूर्य मेष राशि में हो, बृहस्पति कुंभ राशि में हो, तब गंगाद्वार (हरिद्वार) में कुंभ नाम का उत्तम योग होता है।उल्लेखनीय है कि बृहस्पति प्रतिवर्ष राशि बदलता है जबकि सूर्य हर महीने राशि बदलता है। तथा २००९ के १९ दिसंबर को यह कुंभ राशि में प्रवेश कर चुका है। सूर्य मेष राशि में १४ अप्रैल २०१० को आयेगा और तभी इस महाकुंभ का प्रमुख स्नान है (१४ अप्रैल को
कुम्भ 2021 राशिफल ज्योतिषीय महत्व
पौराणिक विश्वास जो कुछ भी हो, ज्योतिषियों के अनुसार कुंभ का असाधारण महत्व बृहस्पति के कुंभ राशि में प्रवेश तथा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के साथ जुड़ा है। ग्रहों की स्थिति हरिद्वार से बहती गंगा के किनारे पर स्थित हर की पौड़ी स्थान पर गंगा जल को औषधिकृत करती है तथा उन दिनों यह अमृतमय हो जाती है। यही कारण है कि अपनी अंतरात्मा की शुद्धि हेतु पवित्र स्नान करने लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अर्ध कुंभ के काल में ग्रहों की स्थिति एकाग्रता तथा ध्यान साधना के लिए उत्कृष्ट होती है। हालाँकि सभी हिंदू त्योहार समान श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाए जाते है, पर यहाँ अर्ध कुंभ तथा कुंभ मेले के लिए आने वाले पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक होती है।
कुम्भ मेले में स्नान के लिए विशेष दिन
मकर संक्रांति
पौष पूर्णिमा
एकादशी
मौनी अमावस्या
वसन्त पंचमी
रथ सप्तमी
माघी पूर्णिमा
भीष्म एकादशी
महाशिवरात्रि
कुम्भ 2021 हरिद्वार स्नान डेट्स
Makar Sankranti (Snan) 14 January 2021
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Basant Panchami (Snan) 16 February 2021
Magh Poornima 27 February 2021
Maha Shivratri (Shahi Snan) 11 March 2021
Somvati Amamvasya (Shahi Snan) 12 April 2021
Baisakhi (Shahi Snan) 14 April 2021
Ram Navami (Snan) 21 April 2021
Chaitra Purnima (Shahi Snan) 27 April 2021
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